प्रधानमंत्री ने बनाया अपनी मजबूत सरकार का मंत्रिमंडल, पहले परखा और दी चेहरों को जगह
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार का मजबूत मंत्रिमंडल बनाया है। प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में 58 मंत्रियों को शामिल किया, 24 केंद्रीय मंत्री बनाया, 9 को स्वतंत्र प्रभार दिया और 19 सांसदों को पहली बार मंत्री बनने का अवसर मिला है। इसमें से आठ मंत्री अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। इनमें राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, महेन्द्र नाथ पांडे, मुख्तार अब्बास नकवी को केंद्रीय तो संतोष गंगवार को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, जनरल (पूर्व) वीके सिंह और साध्वी निरंजन ज्योति, संजीव बालियान को राज्यमंत्री बनाया है। दूसरी सबसे बड़ी भागेदारी महाराष्ट्र की है। महाराष्ट्र से सात चेहरे शामिल किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में पिछले पांच साल के अपने अनुभव को आकार दिया है। उन्होंने इसमें सशक्त सरकार, अनुभवी प्रधानमंत्री की काम के आधार पर पसंद, सोशल इंजीनियरिंग का आभास कराता मंत्रिमंडल, राज्यों की भागीदारी तय करता समायोजन और अनुभव तथा युवा चेहरे के बीच में तालमेल बनाती सरकार की झलक दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के मंत्रिमंडल की तुलना में यह जहां न केवल सजा हुआ मंत्रिमंडल है, बल्कि नई सरकार कामकाज के नए तेवर भी दिखा सकती है।
शानदार मंत्री साबित होंगे जय शंकर
प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल में एक पूर्व विदेश सचिव, एक चिकित्सक और एक विदेश सेवा के अधिकारी, एक पूर्व सेनाध्यक्ष को शामिल किया है। प्रधानमंत्री ने पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। वह अमेरिका और चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं। प्रधानमंत्री ने जयशंकर को उनकी जरूरत समझते हुए जगह दी है। वह अभी संसद के दोनों सदनों के सदस्य नहीं है।
मन मोहन सिंह सरकार के समय में एस जयशंकर अमेरिका के साथ परमाणु करार समझौते के प्रमुख शिल्पीकारों में थे। मौजूदा समय में भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के साथ रिश्तों के संतुलन को लेकर है।
ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें विदेश मंत्रालय का प्रभार दिया जा सकता है। हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने पिछले मंत्रिमंडल में शामिल पूर्व सेनाध्यक्ष को रक्षा मंत्रालय से दूर रखा था। लेकिन माना जा रहा है कि यहां जय शंकर को वह विदेश मंत्रालय का ही प्रभार देंगे।
परखा और दी चेहरे को जगह
प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट में 2014-2019 के कार्यकाल के दौरान अच्छा परफारमेंस देने वाले मंत्रियों को जगह दी है। राजनाथ सिंह, नितिन गड़करी, रविशंकर प्रसाद, पीयुष गोयल, किरण रिजजु, को जगह दी है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को केंद्रीय वित्त मंत्री का प्रभार दे सकते हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे को उनकी मेहनत का इनाम मिला है। वह केंद्रीय बनाए गए हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा की धमक भी मंत्रिमंडल में साफ दिखाई दे रही है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार के अनुपात का प्रधानमंत्री ने बखूबी संतुलन बनाया है। हिमाचल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश की भागेदारी बनाई है।
सहयोगी दलों को साधा तो युवा चेहरे को जगह देकर 19 लोगों को पहली बार मंत्री बनने का अवसर दिया है। पिछली सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, उमा भारती, जेपी नड्डा,मेनका गांधी, राज्यवर्धन सिंह राठौर अपना दल की अनुप्रिया पटेल और जद (यू) का कोई प्रतिनिधि अभी मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं है। निर्मला सीतारमण को उनकी मेहनत का इनाम मिला है। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर से चुनाव हार जाने के कारण केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बन सके हैं।