बजट 2019 : कर की दर भले ही कम नहीं हुई लेकिन सहूलियत बढ़ी है

बजट के जरिये पैन के बदले आधार संख्या को मान्य करना सहूलियत भरा कदम है। अभी जो लोग आय कर देते हैं, उनके पास तो आयकर विभाग का स्थायी खाता संख्या -पैन- है ही लेकिन आने वाले समय में जो आय कर चुकाना शुरू करेंगे, उनके लिए सिर्फ आधार संख्या से ही रिटर्न फाइल करना संभव हो जाएगा। इससे उनके लिये पैन लेने की अनिवार्यता भी नहीं रहेगी।
प्री फिल्ड रिटर्न फार्म की शुरूआत भी सहूलियत की दिशा में उठा मजबूत कदम है। कोई आम कर दाता बैंक में पैसे रखता है, शेयर बाजार में निवेश करता है या म्यूचुअल फंड खरीदता है, सब जगत पैन नंबर या आधार नंबर तो देता ही है। आयकर विभाग उन सभी जगहों से ही सूचना लेकर रिटर्न फार्म भर कर आयकर दाता को देगा। आयकर दाता के पास भरा हुआ फार्म आएगा तो उनका समय बचेगा।
इस कदम का सबसे ज्यादा फायदा निश्चित आमदनी वालों को होगा और वह अपने आप आयकर रिटर्न फार्म भर पाएंगे। इसमें स्टार्टअप के लिए बेहतर कदम उठाया गया है। उसकी प्रक्रिया आसान कर दी गई है। आयकर रिटर्न की स्क्रूटिनी के लिए एक केंन्द्रीय कार्यालय का प्रावधान है मतलब इससे मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो जाएगा। अधिकतर काम कंप्यूटर करेगा इसलिए भेदभाव का आरोप भी नहीं लगेगा।