2024 के चुनाव का रोडमैप : यह पूरी तरह से एक राजनीतिक बजट है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण - फोटो : bharat rajneeti
यह पूरी तरह से एक राजनीतिक बजट है। बजट भाषण के शब्दों से यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में भागीदारी करने वाले मतदाताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और भाजपा को 38 फीसदी (16 राज्यों में पचास फीसदी से ज्यादा) वोट मिले थे। इस बजट में लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए नारे-मोदी है, तो मुमकिन है, को साबित किया गया है। इसमें महिलाओं, पानी, ग्रामीण क्षेत्र, किसान, डिजिटाइजेशन, नकदविहीन अर्थव्यवस्था पर जोर दिया गया है, जो लोकलुभावन बजट का संकेत देता है। इसलिए यह राजनीतिक बजट है।
निश्चित रूप से भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार को पूंजी बाजार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, लेकिन नरेंद्र मोदी नकारात्मक पहलुओं और बाजार में गिरावट से परेशान नहीं होते। भले ही विपक्ष शोर मचाए, लेकिन मोदी सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार किया है। संकल्प से सिद्धि तक के अपने नारे की तरह मोदी सरकार शिलान्यास से लेकर परियोजना के उद्घाटन तक की योजना बनाती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यूपीए शासन की तरह देश में नीतिगत अपंगता न हो। नोटबंदी और जीएसटी की तरह बैंक से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से ज्यादा निकालने पर टैक्स लगाने की बात से यही संकेत मिलता है कि यह एक राजनीतिक हथियार है। इसका कारण यह है कि सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में धन बल और वोट के लिए पैसे वितरण की कुप्रथा में कमी लाना चाहती है। दक्षिण भारत के ज्यादातर राजनेताओं ने वोट के लिए 2000 रुपये के नोट मतदाताओं को घूस के रूप में दिए। इसमें कमी आएगी।
इस बार का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया, जो इक्कीसवीं सदी में देश की पहली महिला वित्त मंत्री हैं। इस बजट को बहुत सारी आशाओं और आकांक्षाओं वाला बजट माना जाता है। निर्मला सीतारमण ने जो बजट भाषण पढ़ा, उसमें प्रधानमंत्री मोदी के विचार, भाजपा के 2019 के घोषणा पत्र के प्रमुख हिस्से समाहित हैं। इस बजट में कई योजनाएं शामिल हैं, जिनका जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किया था। मोदी की कई विदेश यात्राओं की दृष्टि और अपेक्षाओं को भी इसमें शामिल किया गया है।
उदाहरण के लिए, प्रवासी भारतीय को भारत आने पर आधार कार्ड देना और उन्हें भारत में स्टार्ट अप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना। प्रतिभा पलायन रोकने के लिए इस बजट में छात्रों को भारत में ही पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किए जाने की बात कही गई है। इसमें महिलाओं पर भी ज्यादा ध्यान दिया गया है। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए एक लाख रुपये के ओवरड्राफ्ट का प्रावधान गेम चेंजर साबित हो सकता है।
वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की, क्योंकि मोदी सरकार विकास को बढ़ावा देने के उपाय तलाश रही है। इस बजट में 50-60 से ज्यादा नए मार्ग सुझाए गए हैं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने नागरिक उड्डयन, मीडिया, एनिमेशन और बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा में ढील देने के सरकार के इरादे की भी घोषणा की। उन्होंने एकल-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय सोर्सिंग मानदंडों को भी आसान बनाने का वादा किया।
इस समय बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई है, जबकि विमानन क्षेत्र में यह 49 फीसदी से 100 फीसदी के बीच है। मीडिया क्षेत्र में प्रिंट मीडिया में एफडीआई की सीमा जहां 26 फीसदी है, वहीं एफएम रेडियो में 49 फीसदी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजग सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 'न्यू इंडिया' के लिए काम करना शुरू किया था। इसके लिए कार्यक्रमों को तेज किया जाएगा और लालफीताशाही को कम किया जाएगा।