Assam : हमारे पुरखे यहीं मरे, हम कहां जाएंगे, राज्य के लाखों लोगों के जहन में उमड़ रहे सैकड़ों सवाल

खास बातें
- राज्य के लाखों लोगों के मन में एनआरसी की अंतिम सूची को लेकर उमड़ रहे सैकड़ों सवाल
- 40.7 लाख में से 89 फीसदी मानसिक अवसाद के शिकार
- 14 जिले संवेदनशील घोषित, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
- अपील करने की सीमा 60 से दिन से बढ़ाकर 120 की गई
- तत्काल हिरासत केंद्र नहीं भेजा जाएगा
- लोग आतंकित न हो, सरकार मदद करेगी : सोनोवाल
इस साल 26 जून को जारी एक अन्य सूची में एक लाख अतिरिक्त नामों को हटा दिया गया था। इसके बाद इनमें से करीब 37 लाख लोगों ने नए दस्तावेज के साथ दोबारा अपील की है। इसके अलावा पहले की सूची में शामिल दो लाख नाम पर आपत्तियां भी दर्ज कराई गई हैं। एनआरसी में 24 मार्च 1971 के पहले से असम में रहने वाले लोगों नाम शामिल होंगे।
बराक घाटी के सिलचर निवासी अप्रतिम घोष का कहना है कि हमारी नींद तो बहुत पहले ही उड़ गई थी। उनके परिवार के चार लोगों नाम एनआरसी के मसौदे में थे लेकिन घोष व उनके एक पुत्र का नाम नहीं था। असम के प्रसिद्ध इतिहासकार, अर्थशास्त्री और कवि अमलेंदु गुहा के पड़पोते नबारून गुहा और उनका परिवार 1930 से उलूबारी इलाके में रहता आ रहा है लेकिन उनका एनआरसी के मसौदे में नहीं था।
अंतिम सूची में नाम होने या न होने की आशंका उन्हें असहज किए हुए है। इसी तरह से घरों में काम करने वाली 45 वर्षीय मोनोवरा बेगम लगातार दुआ कर रही है। दरअसल, उनका और उनके पति का नाम तो है लेकिन उनके चार बच्चों का नाम मसौदा सूची में नहीं था। उन्होंने कहा कि बच्चों की चिंता में वह रात को सो नहीं पा रही हैं। यदि अंतिम सूची भी उनके नाम नहीं हुए तो पता नहीं क्या होगा।
40.7 लाख में से 89 फीसदी मानसिक अवसाद के शिकार

14 जिले संवेदनशील घोषित, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
राज्य में तनाव को देखते कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और कई जगह धारा-144 लागू की गई है। राज्य पुलिस के जवानों के अलावा भारी तादाद में केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। सशस्त्रों बलों के 20 हजार अतिरिक्त जवानों को राज्य में भेजा गया है। साथ ही 14 जिलों को संवेदनशील घोषित कर वहां निगरानी की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।40.7 लाख में से 89 फीसदी मानसिक अवसाद के शिकार
एक सर्वे में कहा गया है कि विदेशी घोषित होने और उसके बाद के नतीजों के डर से एनआरसी से बाहर रहने वाले 40.7 लाख में से 89 फीसदी लोग बेहद मानसिक तनाव में हैं। नेशनल कैंपेन अगेनस्ट टार्चर (एनसीएटी) की ओर से हाल में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग मानसिक अवसाद के शिकार हो गए हैं। जुलाई 2015 से अब तक तनाव की वजह से करीब 31 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। शनिवार के बाद हालात और गंभीर होने का अंदेशा है।अपील करने की सीमा 60 से दिन से बढ़ाकर 120 की गई

nrc assam : bharat rajneeti
एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रहने वाले लोगों के लिए विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करने की समय सीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 कर दी गई है। राज्य में अगले महीने तक दो सौ अतिरिक्त ऐसे न्यायाधिकरणों की स्थापना की जाएगी। सूची में नाम न होने वाले लोग पहले विदेशी न्यायाधिकरण, उसके बाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे।