असम : हमारे पुरखे यहीं मरे, हम कहां जाएंगे, राज्य के लाखों लोगों के जहन में उमड़ रहे सैकड़ों सवाल - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

शनिवार, 31 अगस्त 2019

असम : हमारे पुरखे यहीं मरे, हम कहां जाएंगे, राज्य के लाखों लोगों के जहन में उमड़ रहे सैकड़ों सवाल

Assam : हमारे पुरखे यहीं मरे, हम कहां जाएंगे, राज्य के लाखों लोगों के जहन में उमड़ रहे सैकड़ों सवाल


Assam NRC: Our ancestors died here, where will we go

खास बातें

  • राज्य के लाखों लोगों के मन में एनआरसी की अंतिम सूची को लेकर उमड़ रहे सैकड़ों सवाल
  • 40.7 लाख में से 89 फीसदी मानसिक अवसाद के शिकार
  • 14 जिले संवेदनशील घोषित, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
  • अपील करने की सीमा 60 से दिन से बढ़ाकर 120 की गई
  • तत्काल हिरासत केंद्र नहीं भेजा जाएगा
  • लोग आतंकित न हो, सरकार मदद करेगी : सोनोवाल
हमारे पुरखे यहीं पैदा हुए और यहीं मर गए। तमाम दस्तावेज देने के बावजूद हमारा नाम एनआरसी के मसौदे में नहीं था। हमने दोबारा अपील की है। यदि अंतिम सूची में भी नाम नहीं आया तो हम कहां जाएंगे। यह सवाल न केवल असम के अल्पसंख्यक बहुल धुबड़ी जिले के मोहम्मद हफीजुर बल्कि 40.7 लाख उन लोगों के मन में भी उमड़ रहा है, जिनके नाम 30 जुलाई को जारी एनआरसी के मसौदे में शामिल नहीं थे। ये लोग शनिवार सुबह एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने के बाद अपने भविष्य को लेकर ऊहापोह में हैं। यह असमंजस न तो उन्हें चैन से सोने दे रहा है और न ही बैठने। 

इस साल 26 जून को जारी एक अन्य सूची में एक लाख अतिरिक्त नामों को हटा दिया गया था। इसके बाद इनमें से करीब 37 लाख लोगों ने नए दस्तावेज के साथ दोबारा अपील की है। इसके अलावा पहले की सूची में शामिल दो लाख नाम पर आपत्तियां भी दर्ज कराई गई हैं। एनआरसी में 24 मार्च 1971 के पहले से असम में रहने वाले लोगों नाम शामिल होंगे। 

बराक घाटी के सिलचर निवासी अप्रतिम घोष का कहना है कि हमारी नींद तो बहुत पहले ही उड़ गई थी। उनके परिवार के चार लोगों नाम एनआरसी के मसौदे में थे लेकिन घोष व उनके एक पुत्र का नाम नहीं था। असम के प्रसिद्ध इतिहासकार, अर्थशास्त्री और कवि अमलेंदु गुहा के पड़पोते नबारून गुहा और उनका परिवार 1930 से उलूबारी इलाके में रहता आ रहा है लेकिन उनका एनआरसी के मसौदे में नहीं था।

अंतिम सूची में नाम होने या न होने की आशंका उन्हें असहज किए हुए है। इसी तरह से घरों में काम करने वाली 45 वर्षीय मोनोवरा बेगम लगातार दुआ कर रही है। दरअसल, उनका और उनके पति का नाम तो है लेकिन उनके चार बच्चों का नाम मसौदा सूची में नहीं था। उन्होंने कहा कि बच्चों की चिंता में वह रात को सो नहीं पा रही हैं। यदि अंतिम सूची भी उनके नाम नहीं हुए तो पता नहीं क्या होगा।  

 40.7 लाख में से 89 फीसदी मानसिक अवसाद के शिकार

14 जिले संवेदनशील घोषित, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

राज्य में तनाव को देखते कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और कई जगह धारा-144 लागू की गई है। राज्य पुलिस के जवानों के अलावा भारी तादाद में केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। सशस्त्रों बलों के 20 हजार अतिरिक्त जवानों को राज्य में भेजा गया है। साथ ही 14 जिलों को संवेदनशील घोषित कर वहां निगरानी की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

40.7 लाख में से 89 फीसदी मानसिक अवसाद के शिकार

एक सर्वे में कहा गया है कि विदेशी घोषित होने और उसके बाद के नतीजों के डर से एनआरसी से बाहर रहने वाले 40.7 लाख में से 89 फीसदी लोग बेहद मानसिक तनाव में हैं। नेशनल कैंपेन अगेनस्ट टार्चर (एनसीएटी) की ओर से हाल में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग मानसिक अवसाद के शिकार हो गए हैं। जुलाई 2015 से अब तक तनाव की वजह से करीब 31 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। शनिवार के बाद हालात और गंभीर होने का अंदेशा है।

 अपील करने की सीमा 60 से दिन से बढ़ाकर 120 की गई
nrc assam
nrc assam : bharat rajneeti
एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रहने वाले लोगों के लिए विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करने की समय सीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 कर दी गई है। राज्य में अगले महीने तक दो सौ अतिरिक्त ऐसे न्यायाधिकरणों की स्थापना की जाएगी। सूची में नाम न होने वाले लोग पहले विदेशी न्यायाधिकरण, उसके बाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे।  

तत्काल हिरासत केंद्र नहीं भेजा जाएगा

अंतिम सूची से बाहर रहने वाले लोगों को तत्काल हिरासत केंद्रों नहीं भेजा जाएगा। इसके लिए इन लोगों को दस महीने का वक्त देने का फैसला किया गया है। राज्य में अभी 6 हिरासत केंद्र चल रहे हैं। इनमें करीब एक हजार अवैध नागरिक रह रहे हैं। इनमें से ज्यादातर बांग्लादेश व म्यांमार के हैं।

लोग आतंकित न हो, सरकार मदद करेगी : सोनोवाल

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एनआरसी की अंतिम सूची को लेकर भयभीत या आतंकित न होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर सच्चे भारतीय को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी और गरीबों को कानूनी मदद मुहैया कराएगी। 

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345