उच्च सदन के सदस्य बनेंगे आरिफ मोहम्मद खान, मनोनीत या बतौर भाजपा सदस्य पहुंचेंगे राज्यसभा

खास बातें
गौरतलब है कि खान तीन तलाक को दंडीनीय अपराध बनाने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले केबाद इसके पक्ष में देश भर में बौद्घिक वर्ग के बीच मुखर अभियान चला रहे हैं। हालांकि तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी बिल पेश किये जाने के बाद से ही खान लगातार मुखर है, मगर इसे दंडनीय अपराध बनाए जाने और इसी बीच अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद खान देश के कई हिस्से में लगातार संगोष्ठियों में शिरकत कर रहे हैं। बीते रविवार को तीन तलाक पर आयोजित एक संगोष्ठी में खुद भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने खान की भूमिका की जम कर तारीफ की थी।
संघ सूत्रों ने बताया कि खान को जल्द से जल्द राज्यसभा भेजने पर व्यापक आम सहमति है। अगर खान भाजपा कोटे से सांसद बनने के लिए तैयार हुए तो उन्हें निकटतम उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जाएगा। इसके उलट अगर वह मनोनीत सदस्य के रूप में राज्यसभा जाने केलिए माने तो उन्हें अगले साल फरवरी महीने में मनोनीन सदस्य केटीएस तुलसी के रिटायर होने का इंतजार करना पड़ेगा। जाहिर तौर पर अगर वह भाजपा के कोटे से सांसद बने तो उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जाएगा।
कौन हैं खान
महज 26 वर्ष की उम्र में बतौर विधायक संसदीय राजनीति की शुरुआत साल 1977 से की। बाद में कांग्रेस में शामिल हुए और 1980 में कानपुर और 1984 में बहराइच से सांसद चुने गए। इसी दौरान शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने से नाराज खान ने कांग्रेस और राजीव मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। वर्ष 1989 में जनता दल से तो वर्ष 1998 में बसपा से सांसद बने। वर्ष 2004 में भाजपा में शामिल हुए मगर कैसरगंज से लोकसभा चुनाव हारने केबाद वर्ष 2007 में भाजपा छोड़ी।