महाराष्ट्र: गांव में सेवा देने को तैयार छात्रों को मिलेगा 10 और 20 प्रतिशत एमबीबीएस कोटा

शुरुआती आंकलन के अनुसार 450-500 एमबीबीएस सीटें इस कोटा के तहत निर्धारित होंगी। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन में इन सीटों की संख्या 300 होगी। चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख डॉक्टर टी पी लहाणे ने कहा, 'यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों और पहाड़ी या दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके। कोटा के तहत सीट पाने वाले छात्रों को एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने होंगे। किसी भी तरह के उल्लंघन पर पांच साल की जेल के साथ ही डिग्री रद्द करने का प्रावधान होगा।'
चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ ने कहा कि इसी तरह की अवधारणा सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में भी मौजूद है। महाराष्ट्र के 2018-19 आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में प्रति 1,330 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध है जबकि डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार प्रति एक हजार व्यक्तियों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों जैसे की गढ़चिरौली में यह अनुपात और ज्यादा है। यहां पांच हजार से ज्यादा लोगों पर एक डॉक्टर मौजूद है।