करतारपुर कॉरिडोर: भारत-पाक के बीच चार सितंबर को बैठक, रावी नदी पर पुल निर्माण पर फैसला संभव

खास बातें
भारत सरकार के अधिकारियों का मानना है कि रावी दरिया पर पाकिस्तान भी उसी तरह एक बड़े पुल का निर्माण करे, जैसे भारत अपनी सीमा में कर रहा है। दोनों देशों के पुल को जोड़ कर गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के तरफ जाने वाले रास्ते को सुगम बनाया जाए लेकिन पाकिस्तान पुल के निर्माण से पीछे हट रहा है।
पाकिस्तान भारतीय सीमा में बनाए जा रहे रावी दरिया के पुल के स्थान पर अपनी सीमा पर एक सर्विस लेन का निर्माण करना चाहता है। चार सितंबर को दोनों देशों के अधिकारियों के बीच पुल के निर्माण को लेकर चर्चा होगी।
भारत सरकार के उच्च अधिकारियों का मानना है कि बरसात के मौसम में रावी दरिया में आने वाली संभावित बाढ़ से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इस पुल का निर्माण बहुत जरूरी है। इस बैठक में भारत एक बार करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते प्रति दिन दस हजार श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने की अनुमति देने का अनुरोध करेगा।
पिछली बैठक के बाद डॉ. फैसल महमूद ने कहा था कि यात्रियों की संख्या इस बात पर निर्भर होगी कि पाकिस्तान कितने यात्रियों को सुरक्षा दे सकता है। संभावना है कि चार सितंबर को आयोजित बैठक के बाद दोनों देशों के अधिकारी एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी कर सकते हैं, जिसमें करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक सहमति का प्रारूप होगा।
दस हजार श्रद्धालुओं को मिलेगा वीजा : सरवर
इससे पहले दोनों देशों के बीच हुए समझौता के अनुसार पाकिस्तान तीन हजार श्रद्धालुओं को वीजा जारी करता था। लाहौर में आयोजित इंटरनेशनल सिख सम्मेलन में उपस्थित सिख विद्वानों को संबोधित करते गवर्नर ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार सभी श्रद्धालुओं को 30 सितंबर तक वीजा जारी कर देगी।