तरुण गोगोई ने एनआरसी से बाहर हुए लोगों पर जताई चिंता, विदेश मंत्रालय ने कहा- सर्वाधिकार सुरक्षित - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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सोमवार, 2 सितंबर 2019

तरुण गोगोई ने एनआरसी से बाहर हुए लोगों पर जताई चिंता, विदेश मंत्रालय ने कहा- सर्वाधिकार सुरक्षित

तरुण गोगोई ने एनआरसी से बाहर हुए लोगों पर जताई चिंता, विदेश मंत्रालय ने कहा- सर्वाधिकार सुरक्षित

Tarun Gogoi
Tarun Gogoi - फोटो : bharat rajneeti
असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने रविवार को अंतिम सूची से बाहर रखे गए 19.07 लाख लोगों से अपने नाम शामिल करवाने के लिए विदेशी न्यायाधिकरण जाने के लिए कहने पर सवाल उठाया। उन्होंने अमस सरकार से सवाल पूछा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची से बाहर रखे गए लोगों से अपने नाम शामिल करवाने के लिए विदेशी न्यायाधिकरण जाने को कैसे कहा गया, जबकि उन्हें विदेशी घोषित नहीं किया गया है।  एनआरसी की शनिवार को प्रकाशित अंतिम सूची में 19.07 लाख लोगों के नाम नहीं होने पर असम सरकार ने उनसे विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करने को कहा था। साथ ही कहा कि सरकार प्रशासन सूची में छूट गए भारतीय नागरिकों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगा।

गोगोई ने विदेशी न्यायाधिकरण की जगह उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में सक्षम प्राधिकरण स्थापित करने की अपील की ताकि एनआरसी से बाहर रखे गए लोगों के मामलों की सुनवाई हो सके।

अपीलों पर फैसला होने तक लोगों के सर्वाधिकार सुरक्षित : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार - फोटो : bharat rajneeti
असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से बाहर किए गए लोग फिलहाल ‘राज्यविहीन’ नहीं है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों के सर्वाधिकार तब तक सुरक्षित रहेंगे, जब तक वे अपने बचाव के लिए कानून के तहत दिए गए सभी तरीकों का इस्तेमाल नहीं कर लेते। 

विदेश मंत्रालय का यह बयान विदेशी मीडिया के कई वर्गों में एनआरसी की फाइनल सूची को लेकर आई कुछ रिपोर्ट को लेकर आया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, एनआरसी अदालत के आदेश पर और निगरानी में की गई कार्रवाई है, कोई एक्जीक्यूटिव संचालित प्रक्रिया नहीं। उन्होंने कहा, एनआरसी 1985 के असम समझौते को प्रभावी बनाएगी, जिसमें राज्य के नागरिकों की देखभाल का वादा किया गया है।

एनआरसी से बाहर रहने का असम में किसी नागरिक के व्यक्तिगत अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। रवीश ने कहा, फाइनल सूची में नहीं आए लोगों को हिरासत में नहीं लिया जाएगा और वे अपने नागरिक अधिकारों का लगातार उपयोग तब तक जारी रख पाएंगे, जब तक वे अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कानून के तहत दिए गए सभी तरीकों को इस्तेमाल नहीं कर लेते हैं। उन्होंने कहा, सूची से बाहर रखना उन्हें कानूनी अर्थ के तहत राज्यविहीन नहीं बना रहा और न ही विदेशी बना रहा। वे किसी भी तरह के ऐसे अधिकार से वंचित नहीं किए जाएंगे, जिसका लाभ वे पहले ले रहे थे। 

200 ट्रिब्यूनल और बनाए जाएंगे
मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, एनआरसी से बाहर रखे गए लोगों की अपीलों पर त्वरित प्रक्रिया के लिए असम सरकार 200 और ट्रिब्यूनल स्थापित करने जा रही है। ये फिलहाल मौजूद 100 ट्रिब्यूनल से अलग होंगे और दिसंबर के अंत तक स्थापित कर दिए जाएंगे। इनकी स्थापना अपीलकर्ताओं की सुुविधा के लिए ब्लॉक स्तर पर की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सूची से बाहर रखे गए लोगों के पास अपील करने के लिए 120 दिन का समय है। 


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