एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया था महाबलीपुरम मंदिर, जहां मिलेंगे मोदी-जिनपिंग

खास बातें
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के इस पूर्व अधीक्षण पुरातत्वविद ने बताया कि भगवान शिव से पशुपतिअस्त्र हासिल करने के लिए अर्जुन की तपस्या करने को उकेरने वाली मूर्ति की भव्यता की मिसाल नहीं मिलती। इनमें 64 देवता-देवता, एक मंदिर, 13 मनुष्य, 10 हाथी, 16 शेर, नौ हिरण, दो भेड़, दो कछुए, एक खरगोश, एक जंगली सुअर, एक बिल्ली, 13 चूहे, हैं, सात पक्षी, चार बंदर, एक इगुआना (दोहरी जीभ वाली छिपकली) और आठ पेड़ बनाए गए हैं।
यहां चार भुजाओं वाली भगवान शिव की मूर्ति है जिसमें उनका निचला हाथ वरद-मुद्रा में दिखाई देता है, जिसमें अर्जुन को वरदान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि चीनी प्रमुख 11-12 अक्टूबर को भारत दौरे पर रहेंगे। वह 11 अक्टूबर को वह चेन्नई पहुंचेंगे। सत्यमूर्ति बताते हैं कि शैवमत के प्रभाव वाले इस मंदिर में शिव की प्रतिमा में जो जटाएं दिखाई गई हैं उनमें चंद्रमा का अलंकरण उत्तम ढंग से हुआ है और वे चारों तरफ से गणों यानी परिचारकों से घिरे नजर आते हैं। इन सभी को बहुत कुशलता से तराशा गया है। यहां एक विष्णु मंदिर भी है।