
- 5 राज्यों का आरोप है कि 3 महीने से नहीं मिला GST का मुआवजा
- पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, राजस्थान और दिल्ली के वित्त मंत्री की शिकायत
- समझौते के मुताबिक जीएसटी से होने वाले राजस्व के नुकसान भरपाई केंद्र करता है
पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा- क्या कैदियों को छोड़ दें?
जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति की बैठक के बाद पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि उनके राज्य की हालत यह है कि जेलों के लिए सिर्फ दो दिन का राशन बचा है और राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. उन्होंने कहा, 'ऐसे में क्या राज्य सरकार को कैदियों को छोड़ देना चाहिए? केंद्र सरकार के ऊपर सिर्फ पंजाब का 4,100 करोड़ रुपये का बकाया है और राज्य सरकार के पास कल्याणकारी योजनाओं पर भी खर्च करने के लिए पैसा नहीं है. सभी राज्यों को अपने खर्च चलाने के लिए कर्ज लेने पड़ रहे है.'उन्होंने आजतक-इंडिया टुडे से कहा कि अब कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी राज्य सरकार को कर्ज लेने को मजबूर होना पड़ रहा है. सभी पांचों राज्यों के वित्त मंत्रियों ने एक बैठक कर मदद की अपील की है. इन राज्यों ने केंद्र सरकार से निवेदन किया है कि वह अपनी संवैधानिक बाध्यताओं को पूरा करे. इन राज्यों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सीधे दखल देने की अपील की है.
क्यों मिलता है मुआवजा
गौरतलब है कि जीएसटी राज्यों के कुल राजस्व का करीब 60 फीसदी हिस्सा होता है. जीएसटी लागू करते समय राज्य सरकारों के साथ केंद्र का जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक इससे होने वाले राजस्व के नुकसान की केंद्र सरकार भरपाई करती है.
पांचों राज्यों के वित्त मंत्रियों ने एक बयान जारी कर कहा है, 'अगस्त और सितंबर के लिए जीएसटी का मुआवजा केंद्र सरकार को अक्टूबर में देना था. लेकिन वह अभी तक नहीं मिला है. इस देरी की कोई वजह भी नहीं बताई गई है. इसकी वजह से राज्यों पर भारी वित्तीय दबाव है. राज्यों की बजट और प्लानिंग प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.'