UP Assembly Elections 2022 गोरखपुर । केंद्रीय भूतल, सड़क, जलमार्ग एवं परिवहन मंत्री (Union Minister for Surface, Road, Waterways and Transport) नितिन गडकरी छह जनवरी को मखौड़ा धाम में चौरासी कोसी परिक्रमा का शिलान्यास करेंगे। उनके कार्यक्रम को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैैं। केंद्रीय मंत्री दिन में एक बजे चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का शिलान्यास करने के साथ कई योजनाओं का लोकार्पण कर जनसभा को भी संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के राष्ट्रीय मंत्री सांसद हरीश द्विवेदी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का शिलान्यास करेंगे। बता दें, अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग (Chaurasi Kosi Parikrama Marg) का शुरूआत मखौड़ा धाम से होती है। परिक्रमा मार्ग के पहले चार पड़ाव बस्ती जिले में पड़ते हैैं। इनमें मखौड़ा धाम, रामरेखा, हनुमान बाग चकोही और शेरवा घाट हैैं। केंद्र सरकार ने जुलाई 2021 में परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित (Parikrama Marg declared as National Highway) किया था। अब परिक्रमा मार्ग को फोरलेन किया जाएगा।

UP Assembly Elections 2022 केंद्रीय भूतल सड़क जलमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी छह जनवरी को मखौड़ा धाम में चौरासी कोसी परिक्रमा का शिलान्यास करेंगे। 252 किलोमीटर लंबी यह सड़क करीब साढे छ हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी।
सैकडो गांवों को जोड़ेगा परिक्रमा मार्ग, विकास व पर्यटन को मिलेगा नया आयाम (Parikrama route will connect hundreds of villages, development and tourism will get a new dimension)
मखौड़ा धाम से शुरू होने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग (Chaurasi Kosi Parikrama Marg) के राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) घोषित होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को तो लाभ मिलेगा ही साथ ही अन्य के जीवन में भी व्यापक बदलाव होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने से इसके किनारे के गांवों के लोगों को हर लिहाज से काफी सहूलियत होगी। सरकार की इस घोषणा के चलते श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है। इस मार्ग के बनने से इस पूरे क्षेत्र के विकास और पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। मार्ग से जुड़े बाजारों व गांवों के लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) से जुड़ने के साथ रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
सैकड़ों गांव जुड़ेंगे मार्ग से (Hundreds of villages will be connected by the way)
चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग (Chaurasi Kosi Parikrama Marg) से विक्रमजोत, परशुरामपुर व दुबौलिया ब्लाक के करीब 65 किलोमीटर के सैकड़ों गांवों के लोग को सीधे जुड़ेंगे। 252 किलोमीटर लंबी यह सड़क करीब साढे छ हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। यह सड़क तीन मंडलों के पांच जिलों से होकर यह गुजरती है। यही नहीं बस्ती में यह मार्ग मखौड़ा, बेरता, कोहराएं, रजवापुर, केनौना, रामगढ़ होते हुए विक्रमजोत के नल्हियापुर गांव के पास राष्ट्रीय राजामार्ग 28 से होकर रामरेखा मंदिर अमोढ़ा, रामजानकी मार्ग, दुबौलिया, विशेषरगंज, हनुमान बाग चकोही होकर अयोध्या जनपद के श्रृंगिऋषि आश्रम पहुंचती है। जिसकी लंबाई करीब 65 किमी है। 84 कोसी परिक्रमा वापसी के समय जिले की सीमा हैदराबाद सिकंदरपुर, रायपुर, तथागता के रास्ते पुन: मखौड़ा धाम पहुंच कर परिक्रमा का समापन होता है।
करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र धर्मनगरी भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए लंबे समय से कवायद चल रही है। धीरे-धीरे योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। मार्ग पर परिक्रमार्थियों एवं श्रद्धालुओं के लिए पैदल पथ व चौरासी कोसी परिक्रमा में पड़ने वाले ऋषि, महर्षियों तथा मंदिरों व आश्रमों की संकेतक पट्टी लगाने, पड़ाव स्थलों पर रैन बसेरा बनाने के साथ ही, परिक्रमा पथ के किनारे गर्मी और धूप से बचने के लिए छायादार वृक्षों के पौधे रोपित किए जाएंगे।
इन बाजारों से गुजरेगा परिक्रमा मार्ग (Parikrama Marg will pass through these markets)
84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले गांव व बाजोरों में परशुरामपुर विकास क्षेत्र के यरता बाजार, संसारपुर, दुखेड़ी, मजगवां, नेदुला, कोहराएं बाजार, टेढ़ाघाट, रजवापुर, नगरा बदली बाजार, केनौना, रामगढ़, छावनी बाजार, रामरेखा, अमोढ़ा सहित अन्य गांव व बाजारें प्रमुख हैं।
यह है महत्व (it's importance)
सनातन धर्म में चौरासी कोस की यात्रा का काफी महत्व है। मान्यता है कि परिक्रमा 84 लाख योनियों से मुक्ति पाने का एक मात्र मार्ग है। मनुष्य का शरीर भी चौरासी अंगुल की माप का है। धार्मिक के साथ ही इसका सामाजिक महत्व भी है। मान्यताओं के अनुसार अयोध्या के राजा श्रीराम का साम्राज्य 84 कोस (252 KM) में फैला था। उनके राज्य का नाम कौशलपुर था, उसकी राजधानी अयोध्या थी। इसी कारण से दशकों से 84 कोसी परिक्रमा की परंपरा है। लोग इस परिक्रमा को करके जन्म चक्र से मुक्ति चाहते हैं। यात्रा के मार्ग में उत्तर प्रदेश के छह जिले आते हैं। बाराबंकी, फैजाबाद, गोंडा, बहराइच, अंबेडकरनगर और बस्ती जिला। इन जिलों में यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं। जहां रुककर यात्री विश्राम करते हैं और फिर से अपनी यात्रा पर चल देते हैं। पुन: फिर मखौड़ा धाम में यात्रा का समापन होता है यात्रा समापन के पश्चात यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है।
परिक्रमा मार्ग चौड़ीकरण होने से परिक्रमा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। मार्ग पर पड़ने वाले सैकड़ों गांव के लोगों का भी विकास होगा। यह परिक्रमा मार्ग अयोध्या की चौरासी कोस का रिंग रोड क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। - सूर्य नारायण दास वैदिक, मुख्य पुजारी, मखौड़ा धाम मंदिर।